रांची: झारखंड की राजधानी रांची के अनगड़ा थाना क्षेत्र में एक बड़ा भूमि घोटाला सामने आया है।
मोज़िब अंसारी, निवासी हेसल (अनगड़ा), ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, रांची की अदालत में शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया है कि कुछ लोगों ने मिलकर उनकी कीमती जमीन पर फर्जीवाड़ा करते हुए कब्ज़ा कर लिया।

शिकायत के मुताबिक, 29 सितंबर 2017 को मोज़िब अंसारी और नितू सिन्हा के बीच ₹27 लाख 50 हज़ार में जमीन बिक्री का एग्रीमेंट हुआ था।
शुरुआत में आरोपियों ने ₹12 लाख का भुगतान किया, लेकिन बाद में धोखे से ₹23 लाख की रसीद बनवाकर मोज़िब अंसारी से हस्ताक्षर करवा लिए, ताकि ऐसा लगे कि पूरी रकम अदा हो चुकी है।

इसके बाद, आरोपियों ने उसी जमीन को किसी और व्यक्ति (सैरुन खातून) से फर्जी तरीके से खरीदने का नाटक करते हुए नई रजिस्ट्री (Sale Deed) तैयार करा ली।
इसमें मोज़िब अंसारी के ही हस्ताक्षर को गवाह के रूप में दिखाया गया, जबकि उन्हें धोखे से साइन करवाया गया था।
इस फर्जी रजिस्ट्री के ज़रिए आरोपियों ने करीब 1.18 एकड़ जमीन अपने नाम करा ली — जो पहले से ही मोज़िब अंसारी की वैध संपत्ति थी।

अप्रैल 2025 में जब मोज़िब अंसारी ने जमीन का रिकॉर्ड निकलवाया, तब इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
जांच में पता चला कि आरोपी न सिर्फ फर्जी रजिस्ट्री करा चुके थे, बल्कि अब उसी जमीन को तीसरे पक्ष को बेचने की तैयारी में थे।

27 अप्रैल 2025 को जब मोज़िब अंसारी अपने गवाहों के साथ मौके पर पहुंचे और विरोध किया, तो आरोपियों ने गाली-गलौज, धमकी और मारपीट की, और उनका सूचना बोर्ड तक उखाड़ दिया — जिससे लगभग ₹9,000 का नुकसान हुआ।

मोज़िब अंसारी ने अनगड़ा थाना में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने अदालत का रुख किया
अब मामला अदालत में विचाराधीन है।
आरोपियों पर IPC की धारा 420, 406, 467, 468, 471, 323, 504, 506 और 120B के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश और धमकी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

सूत्रों के अनुसार, यह पूरा खेल भूमि खरीद-बिक्री के नाम पर रजिस्ट्री कार्यालय में रची गई संगठित साजिश का हिस्सा बताया जा रहा है।
हमने नितू सिन्हा और उनके पति मनीष सिन्हा से उनका पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि उनसे इस संबंध में दोबारा संपर्क न किया जाए।।

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